घरौंडा क्षेत्र में बढ़ी बेटियों की संख्या, 855 से 939 पर पहुंचा लिंगानुपात

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 06 Jan, 2023 11:26 PM

number of daughters increased in gharaunda area

घरौंडा क्षेत्र में बेटियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। उनका लिंगानुपात पिछले साल के आंकड़े को तोड़ा है।

घरौंडा(विवेक): घरौंडा क्षेत्र में बेटियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। उनका लिंगानुपात पिछले साल के आंकड़े को तोड़ा है। पिछले साल जहां 1000 लड़कों के पीछे लड़कियों की संख्या 855 थी, वहीं इस यह आंकड़ा 939 पर पहुंच गई है। कहीं न कहीं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे जागरूकता अभियानों के सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे है।  

 

इस वर्ष बेटियों की संख्या में 84 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी

 

वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घरौंडा से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष बेटियों की संख्या में 84 की बढ़ोतरी हुई है। जबकि करनाल जिला का लिंगानुपात 896 से 903 तक ही पहुंचा है। घरौंडा क्षेत्र के लिंगानुपात में भारी इजाफा देखने को मिला है। इसके अतिरिक्त लिंगानुपात की तरह शिशु मृत्यु दर में भी सुधार हुआ है, जहां पहले मृत्यु दर 32 पर थी अब वह 30 पर पहुंच गई है अर्थात पहले एक हजार बच्चों के पैदा होने पर 32 की मृत्यु हो जाती थी, जबकि अब यह आंकड़ा 30 पर है, इसको ओर भी नीचे लाने का प्रयास किया जा रहा है। 

प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, घरौंडा सीएचसी के अधीन घरौंडा, गगसीना, चौरा, बरसत व कुटेल पीएचसी आते है। अगर पीएचसी लेवल पर भी ध्यान दिया जाए तो चौरा पीएचसी के लिंगानुपात का आंकड़ा 1093 है अर्थात एक हजार लड़कों के पीछे 1093 लड़कियां है। जबकि लिंगानुपात में घरौंडा पीएचसी का आंकड़ा 902, कुटेल पीएचसी 963, गगसीना 843 और बरसात 941 पर है।

अस्पताल में बेटी के जन्म पर अभिभावक रामकौर, अनारकली, सोनेराज व अन्य का कहना है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं मानते है। बेटियां भी वह सब कुछ कर सकती है, जो बेटे कर सकते है। सिर्फ अपनी सोच बदलने की जरूरत है।

सीएचसी के सीएमओ डॉ. मुनेश गोयल की माने तो लिंगानुपात में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष बेटियों की संख्या 939 पर पहुंच चुकी है। सरकार व स्वास्थ्य विभाग के जन जागृति अभियानों का असर देखने को मिला है। सरकार भी बेटियों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। लिंग जांच करवाने वालों पर भी सरकार सख्ती से निपटना है। इसके अलावा यदि कोई दंपति फैमिली प्लानिंग कर रहा है तो उससे पहले स्वास्थ्य केंद्र में अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करवाएं। साथ ही गर्भ धारण से पहले फोलिक एसिड की गोली जरूर लें, ताकि बच्चें में होने वाली बीमारियों की रोकथाम की जा सके।

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